ब्यूरो: Azaan on Loudspeaker Issue इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कुलपति (वीसी) संगीता श्रीवास्तव अज़ान की आवाज़ से काफ़ी ख़फ़ा दिखाई पड़ रही हैं। अज़ान की वजह से उनकी नींद में ख़लल पड़ रहा है।
बता दें ऐसा ही एक मामला कुछ समय पहले बॉलीवुड गायक सोनू निगम ने उठाया था। अब इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कुलपति (वीसी) ने जिलाधिकारी से इस पर कार्रवाई करने के लिए पत्र भी लिख डाला है।
वीसी के अनुरोध पर जिलाधिकारी ने मस्जिद कमेटी से लाउडस्पीकर की दिशा बदलने को कहा था। मस्जिद कमेटी ने लाउडस्पीकर की दिशा बदल दी है। इस मुद्दे को लेकर टीवी चैनलों पर भी बहस तेज हो गई है।
जो लोग नास्तिक होते हैं उन्हें ही अज़ान से आपत्ति होती है, जब मंदिरों में शंखनाद और आरती होती है तब कोई आवाज़ नहीं उठाता : मौलाना रशीदी (AIIA अध्यक्ष)@manakgupta #RashtraKiBaat#UttarPradesh #AllahabadUniversity pic.twitter.com/Qeyiu165nU
— News24 (@news24tvchannel) March 17, 2021
एक न्यूज़ डिबेट में एंकर ने पैनलिस्टों से पूछा कि जब इलाहाबाद हाईकोर्ट का साफ आर्डर है कि अजान इस्लाम की इबादत का अहम हिस्सा है, लेकिन लाउडस्पीकर इस्लाम का हिस्सा नहीं है तो लाउडस्पीकर से अजान की जरूरत क्यों है?
Azaan on Loudspeaker Issue पर बोलते हुए ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन (एआईआईए) के अध्यक्ष मौलाना मोहम्मद साजिद रशीदी ने कहा, “अजान इबादत का हिस्सा है और लाउडस्पीकर इबादत का हिस्सा नहीं है, यह बात बिल्कुल सही है।
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पहले जमाने में वायु प्रदूषण नहीं था, इतनी गाड़ियां नहीं थी तब बिना लाउडस्पीकर के अजान देने से भी आवाज दूर तक जाती थी, लेकिन अब प्रदूषण बहुत है, गाड़ियां बहुत हैं, इसलिए लाउडस्पीकर से अजान इसलिए दी जाती है ताकि आवाज दूर तक जाए।”
उन्होंने कहा, “लॉकडाउन और उसके बाद भी यह फर्मान हुआ था कि शाम को छह बजे से सुबह छह बजे तक लाउडस्पीकर की आवाज काफी कम कर दिया जाए।
यह इतनी कम कर दी जाए कि किसी को दिक्कत न हो। यह विरोध पहले भी हुआ था कि जावेद अख्तर और सोनू निगम ने भी विरोध किया था, ये वे लोग हैं, जो किसी भी धर्म को नहीं मानते हैं। नास्तिक लोग हैं। वीसी साहिबा भी नास्तिक हो सकती हैं।”
कहा, “मंदिर की शंखनाद और मंदिर की घंटों की जो आवाज आती हैं, हमें तो वह भी अच्छी लगती हैं। हमें अजान की आवाज भी अच्छी लगती है। हमें तो रतजगा होता है और वहां दुर्गा पूजा होती है और लाउडस्पीकर बजता है तो हमें तो उस पर भी कोई एतराज नहीं होता है।
जब कांवड़ जाती है और दुनिया भर का हुड़दंग होता है तो किसी भी मुसलमान को उस पर भी कोई एतराज नहीं किया। जब आदमी धर्म के नाम पर कुछ कर रहा है तो उसे करने दीजिए।
ये अधर्मी लोग है जो अजान का विरोध करते हैं। जो रात में दो-दो बजे तक जागते हैं, तो जाहिर है कि उन्हें सुबह पांच बजे उठने में दिक्कत तो होगी ही।”
Azaan on Loudspeaker Issue इलाहाबाद विश्वविद्यालय की वीसी के पत्र के मुताबिक, “ईद से पहले ही वे सुबह चार बजे माइक पर सहरी का ऐलान करते हैं। इस व्यवस्था से भी दूसरे लोगों को परेशानी होती है। भारत का संविधान सभी समुदायों को शांतिपूर्ण तरीके से साथ रहने का अधिकार देता है जिसका ईमानदारी से पालन किया जाना चाहिए।”
कुलपति ने 2020 की जनहित याचिका (अफजल अंसारी एवं दो अन्य बनाम उत्तर प्रदेश सरकार एवं दो अन्य) में इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश का हवाला देते हुए जिलाधिकारी से इस संबंध में त्वरित कार्रवाई का अनुरोध किया था।”
Azaan on Loudspeaker Issue मामले में इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव के समर्थन में हिंदू धर्मगुरु खड़े हो गए हैं।
धर्म के नाम पर किसी का चैन छीनना उचित नहीं महंत नरेंद्र गिरि कहते हैं कि मंदिरों में सुबह पांच बजे, शाम को और रात में आरती होती है। लेकिन, उसके लिए लाऊड स्पीकर लगाकर आवाज देकर किसी को नहीं बुलाया जाता।
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